दुनिया भर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को योग के फायदे के बारे में बताया जाता है और योगासन के अभ्यास के लिए प्रेरित किया जाता है। पीरियड्स के समय महिलाओं को कई परेशानियां होती हैं जैसे- पेट में दर्द, ऐंठन और मूड स्विंग्स आदि। जो हर महीने लड़कियों में देखने को मिलते हैं। हालांकि कुछ महिलाओं को इनरेगुलर पीरियड्स की भी दिक्कत होती है। कभी देर से तो कभी समय से पहले पीरियड्स आने के कारण महिलाओं में कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती है। इसलिए पीरियड्स का सही टाइम पर आना बेहद ही जरुरी है। मासिक धर्म की तारीख आगे-पीछे होने से कारण कब्ज, तनाव और असहनीय दर्द हो सकता है। ऐसी परेशानी होने पर हम कई तरह की दवाईंयों का सेवन करने लगते हैं लेकिन ये भी आपको नुसकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे योगा स्टेप के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपकी पीरियड्स की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।

मालासन

पीरियड्स की अनियमितता से राहत पाने के लिए मालासन का अभ्यास कर सकते हैं। मालासन के अभ्यास के लिए फर्श पर बैठकर एड़ियों को जमीन से उठाएं। इस दौरान सांस छोड़ते हुए धड़ को जांघों के बीच रखें और शरीर आगे की ओर झुकाएं। दोनों हाथों को मोड़ते हुए कोहनी को जांघों पर रखें। फिर बाहों को घुमाएं और एड़ी को थोड़ा ऊपर उठाएं।

धनुरासन

महिलाओं को नियमित धनुरासन का अभ्यास करना चाहिए। धनुरासन करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेटकर पैरों को फैला लें। पैरों को उठाते हुए हाथों से टखनों को पकड़कर गहरा सांस लें। छाती और पैरों को सतह से ऊपर उठाते हुए इस स्थिति में कुछ देर रहने के बाद शरीर और पैरों को फर्श पर टिका दें। यह भी पढ़े -कमर और पैर दर्द से परेशान रहते हैं तो करें ये एक योगासन,

स्ट्रेस से लेकर ब्लोटिंग तक में फायदेमंद उष्ट्रासन पीरियड्स की समस्या से निजात पाने के लिए उष्ट्रासन करें।

इस आसन को करने के लिए फर्श पर घुटनों के बल बैठकर कूल्हों पर हाथ रखें। श्वास लेते हुए हाथों से पैरों को पकड़ते हुए पीठ को मोड़ें। इस अवस्था में एक मिनट रहें और फिर पीठ को सीधी मुद्रा में ले जाएं। अब पैरों और हाथों को आराम दें।

मत्स्यासन

पीरियड्स की समस्याओं से निजात पाने के लिए मत्स्यासन करें। इस आसन को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेटकर हाथों को कूल्हे के नीचे रखें। कोहनी को कमर से स्पर्श करते हुए दोनों पैरों को मोड़े और घुटनों को क्रॉस लेग मुद्रा में आ जाएं। जांघों को फर्श पर टिकाते हुए सांस लें। शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाते हुए सिर को पीछे की ओर ले जाएं और कुछ देर आराम करें।

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